सूर्य राशि और स्वभाव

सूर्य जीवन मे आत्मा का कारक है जिस भाव और राशि का सूर्य होगा उसी भाव और राशि का प्रभाव सूर्य पर होता है साथ ही जो ग्रह सूर्य पर अपना असर दे रहा होगा वही असर भी सूर्य के अन्दर व्याप्त होगा। सूर्य एक सा चलने वाला ग्रह है जो करता है समय से ही करता है बिना समय के नही करता है कारण सूर्य वक्री नही होता है जो गति युगो से बन्धी है उसी गति पर निरत अपनी चाल से चलता जाता है।

मेष राशि मे सूर्य

मेष राशि मंगल की राशि है इस राशि मे सूर्य का स्वभाव पराक्रम और राजनीति दोनो के लिये मिश्रण का प्रभाव देने के लिये जाना जाता है सूर्य अगर राज्य है तो मंग्ल तकनीक है रक्षा है हिम्मत है पराक्रम है सेना का बल है आदि बाते माने जाती है.

वृष राशि मे सूर्य

यह राशि शुक्र की राशि है इस राशि मे सूर्य का आस्तित्व धन और वित्त सम्बन्धी कारणो मे उलझ कर रह जाता है जहां आत्मा भौतिक धन के अन्दर उलझती है आत्मा का पतन शुरु हो जाता है और जातक की सोच केवल धन और अपने अहम के अन्दर ही अटकी रहती है.जातक को अधिक सोचने और चमक दमक के लिये अपना मन खराब करने के कारण अक्सर जातक की आंखो मे सबसे पहले प्रभाव पडना शुरु होता है,जातक का अहम धन और सम्पत्ति पर अधिक होता है.

मिथुन राशि मे सूर्य

मिथुन राशि बुध की सकारात्मक राशि है इस राशि मे सूर्य के होने से जातक के अन्दर अपने पराक्रम और हिम्मत को दिखाने के लिये राजकीय कारण पैदा हो जाते है वह अपने को राजकीय परिवेष मे दिखाने की कोशिश करता है साथ ही अलावा लोगो के साथ रहने पर अपने को शाही पोजीसन मे दिखाने की जरूरत समजता है अक्सर इस राशि मे सूर्य होने से जातक के छोटे भाई नही होते है.

कर्क राशि का सूर्य

कर्क राशि चन्द्रमा की राशि है और सूर्य और चन्द्र मित्र है इसलिये इस राशि मे सूर्य व्यापार के भाव मे होता है जातक को जंगली कारको के लिये अपने व्यवसाय का रूप देता है घर बनाने घर से सम्बन्धित काम करने सजाने संवारने के काम जातक को खूब आते है जातक को विश्वकर्मा की कृपा प्राप्त होती है लकडी तांबे के काम मे जातक आगे बढता जाता है.जातक की माता के घर मे अहम होता है और इस कारण से माता की नही घर मे चलती नही होती है.

सिंह राशि का सूर्य

यह राशि सूर्य की ही राशि है जातक को खेल कूद राजनीति करने और सरकारी शिक्षा मनोरंजन आदि के क्षेत्र मे जाने का अवसर प्राप्त होता है.अक्सर जातक के अन्दर एक प्रकार से राजनीति की चाह अधिक होती है वह राज्य से किसी न किसी प्रकार से धन कमाने के अन्दर अपने मन को लगाता है.लेकिन उम्र के दूसरे भाग मे जाकर जातक को पेट और सन्तान सम्बन्धी चिन्ताये अधिक हो जाती है.

कन्या राशि का सूर्य

यह राशि बुध की नकारात्मक राशि है और इस राशि मे सूर्य अपने को कर्जा दुश्मनी बीमारी नौकरी आदि के लिये अपना रूप देखने लग्ता है जातक का पिता गरीबी मे हुआ होता है और जातक के द्वारा अथक मेहनत करने के बाद ही रोजी रोटी नसीब होती है,जातक को सरकारी सेवा मे भी जाने के लिये सेवा वाले काम ही करने होते है जो अफ़सरो के लिये उनके सेवा आदि के कार्यों से जुडे होते है.

तुला राशि का सूर्य

सूर्य मेष राशि मे उच्च का होता है तो तुला राशि मे नीच का हो जाता है जातक को एक से अधिक विवाह करने भोग्या अभोग्या सभी को भोगने मे रुचि का लगना भी माना जाता है जातक अपने कुल वंश की परम्परा को तोड कर जो भी मन मे आता है करने लगता है उसका काम बदलने मे घर बदलने मे और जीवन साथी तक को बदलने मे कोई हिचक नही होती है वह अपने को कभी भी किसी भी माहौल में ढाल लेने की हिम्मत रखता है अक्सर झूठ बोलने की आदत भी जातक के अन्दर देखी जाती है.

वृश्चिक राशि का सूर्य

इस राशि का सूर्य जातक को खोजी बना देता है और शमशानी कारणो को प्रस्तुत करने वाला होता है अक्सर यह सूर्य जातक के पिता या जातक को ह्रदय की बीमारी भी देता है और आंखोकी रोशनी को भी कम करता है.जातक की पुत्र सन्तान के लिये यह सूर्य दिक्कत देने वाला होता है और जातक के लिये एक प्रकार से पितर दोष का कारण भी बनता है.

धनु राशि का सूर्य

इस राशि मे सूर्य कानून और परिवार की मर्यादा मे राजनीति की स्थिति को प्रदान करता है जहां पर कानून की मान्यता होती है वहां यह सूर्य अपनी राजनीति और अहम से कानून को बदलने का काम करता है और इस प्रकार से कानून नही रहता है अनीति का बोलबाला हो जाता है उसी प्रकार से जातक अपने परिवार और कुल के अन्दर भी अपने अहम को प्रसारित करता है फ़लस्वरूप जो भी परिवार और समाज की मान्यताये होती है उन्हे बदलने के कारण परिवार बिखरने लगते है और जो जैसा चाहता है उसी के अनुसार चलने की कोशिश करता है एक समय ऐसा भी आता है जातक का कुल खोजने के बाद भी नही मिलता है यह भी पितर दोष की सीमा मे गिना जाता है.

मकर का सूर्य

मकर राशि मे सूर्य के जाने के बाद वह कार्य के अन्दर अपने अहम को देता है और इस प्र्काअर से कोई कार्य जो छोटा होता है जातक नही कर पाता है कभी कभी राज के कार्यों मे छोटे कामो को भी करना होता है उन्हे नही करने पर जातक का राजयोग समाप्त हो जाता है इसी प्रकार से जातक के पिता के दो भाइयो मे एक की ही पुत्र संतान चलती है एक की किसी न किसी करण से समाप्त हो जाती है पिता के द्वारा भी स्थान बदलने के कारण दूसरे प्रान्त देश आदि मे निवास बनता है.

कुम्भ का सूर्य

कुम्भ् का सूर्य जातक को परिवार मे बडप्पन का प्रभाव देता है वह राजकीय सेवा मे ऊंचे पद पर जाने का अधिकारी होता है जातक के पुत्र के अन्दर भी घटिया राजनीति होती है और वह अपने पिता के पद का दुरुपयोग करता है,जातक के दाहिने भाग मे किसी हड्डी वाले रोग से आजीवन पीडा रहती है,जातक अक्सर लाभ के मामले मे ठेकेदारी और इसी प्रकार के काम करने का शौकीन होता है.पत्नी परिवार की प्रताणना भी सहन करनी होती है.

मीन राशि का सूर्य

इस राशि का सूर्य दिमागी रूप से उत्तेजना देने का कारक होता है जातक के अन्दर राजसी गुण को भरता है और उसका परिवार माता रिस्क लेने के कारण सभी राज्य से सम्बन्धित होते है दाहिनी आंख मे दिक्कत का होना भी होता है साथ ही बडप्पन के कारण जातक की यात्राये और खर्चा भी बहुत होता है पिता से अक्सर दूरिया ही मिलती है.
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